बिस्मिल्लाहिर रहमानिर्रहीम
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أَسْتَغْفِرُ اللَّهَ الَّذِي لاَ إِلَهَ إِلاَّ هُوَ الْحَىُّ الْقَيُّومُ وَأَتُوبُ إِلَيْهِ
अस्तगफिरुल्लाह अल लज़ी ला इलाहा इल्ला हुवा अल हय्युल-कयूम वा अतुबू इलैही
✦ अल क़ुरान : अपने रब से माफी माँगो की वो बड़ा माफ़ करने वाला है
✦ वो आसमान से तुम पर (रहमत की) बारिश बरसाएगा
✦ और माल से तुम्हारी मदद फरमाएगा
✦ और औलाद से (तुम्हारी मदद फरमाएगा )
✦ और तुम्हे बाग अता करेगा
✦ और उनमें तुम्हारे लिए नहरें बहा देगा
अल क़ुरान , सुरह नूह (71), आयत 10-12
✦ रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जो अस्तिग्फार (तौबा) करने को अपने ऊपर लाजिम कर ले तो अल्लाह सुबहानहु उसको हर तंगी से निकलने का एक रास्ता अता फरमाएगा और हर गम से निजत देगा और ऐसी जगह से रोज़ी अता फरमाएगा जहाँ से उसको गुमान भी नहीं होगा
सुनन अबू दाऊद जिल्द 1, 1505 - हसन
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