Sunday, 18 November 2018

किसी भी मुसलमान की मदद करने का गुण


✦ रसूल-अल्लाह सलअल्लाहु अलैहि वसल्लम  ने फरमाया अगर में किसी मुसलमान भाई के साथ उसकी ज़रूरत पूरी करने के लिए चलूँ तो ये मुझे इस मस्जिद ( मस्जिद ए नब्वी) में एक महीना एतकाफ़ में  बैठने से ज़्यादा महबूब है 

अल सिलसिला सहीहा  209 

✦  रसूल-अल्लाह सलअल्लाहु अलैहि वसल्लम  ने फरमाया जो शख्स  अपने भाई की ज़रूरत पूरी करे अल्लाह सुबहानहु  उसकी ज़रूरत पूरी करेगा. जो शख्स किसी मुसलमान की एक मुसीबत को दूर करे अल्लाह सुबहानहु उसकी क़यामत  की मुसीबतों में से एक बड़ी मुसीबत को दूर फरमाएगा और जो शख्स  किसी मुसलमान के ऐब (बुराईयों) को छुपाए अल्लाह सुबहानहु क़यामत में उसके ऐब को छुपाएगा.
सही  बुखारी, जिल्द 3, 2442


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✦ The virtue of helping any muslim


✦ The virtue of helping any muslim

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✦ RasoolAllah ﷺ said It is more beloved to me that I walk with my brother Muslim in his time of need than I stay secluded (perform aitkaf) in this masjid (Masjid e Nabwi) for a month.
Al-Slisila-As-Sahiha #209 -Part 2

✦ RasoolAllah ﷺ said Whoever fulfilled the needs of his brother, Allah will fulfill his needs; whoever brought his (Muslim) brother out of a discomfort, Allah will bring him out of the discomforts of the Day of Resurrection, and whoever screened ( hide mistakes) a Muslim, Allah will screen him on the Day of Resurrection . 
Sahih Bukhari, Book 43, No.622


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