बिस्मिल्लाहिर रहमानिर्रहीम
-------------
✦ हज़रत अब्दुल्लाह रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की तलाक़ का सुन्नत तरीक़ा ये है की इंसान बगैर जमा (सोहबत) किए औरत को पाकी की हालत में तलाक़ दे दे फिर जिस वक़्त उसको हैज़ आ जाए और वो औरत पाक हो जाए तो उस वक़्त उसको दूसरी तलाक़ दे फिर जिस वक़्त
उसको दोबारा हैज़ आ जाए और वो पाक हो जाए तो तब उसको एक और (यानी तीसरी) तलाक़ दे फिर उसके बाद औरत एक हैज़ की ईद्दत गुज़ारे
हज़रत अल-आमश रदी अल्लाहू अन्हु फरमाते हैं की मैने हज़रत इब्राहिम रदी अल्लाहू अन्हु से पूछा तो उन्होने भी इसी तरह बयान किया
सुनन नसाई, जिल्द 2, 1333-हसन
✦ महमूद बिन लबिद रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया एक शख़्श ने अपनी बीवी को एक ही बार में तीन तलाक़ दे दी, ये बात सुनकर रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम खड़े हुए और गुस्से में फरमाया ये क्या अल्लाह
की किताब के साथ खेल हो रहा है जबकि मैं अभी तुम लोगो के बीच मोजूद हूँ , ये बात सुनकर एक शख्स खड़ा हुआ और अर्ज़ की , या रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम क्या मैं इसका क़त्ल कर दूँ ?
सुनन नसाई, जिल्द 2,1340- सही
✦ अबू अस-सहबा रदी अल्लाहू अन्हु इब्न अब्बास रदी अल्लाहू अन्हु के पास आए और अर्ज़ किया की एह इब्न अब्बास रदी अल्लाहू अन्हु क्या तुम इस बात से वाक़िफ़ हो की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम के मुबारक दौर में और हज़रत अबू बक्र रदी अल्लाहू अन्हु के
खिलाफत के दौर में और हज़रत उमर रदी अल्लाहू अन्हु की शुरू की खिलाफत में तीन तलाक़ को एक ही माना जाता था, इब्न अब्बास रदी अल्लाहू अन्हु ने फरमाया जी हाँ
सुनन नसाई, जिल्द 2, 1345–सही
-------------
from Quran Hadees http://bit.ly/2F0oKEy
No comments:
Post a Comment