Sunday, 25 November 2018

अचानक दुःख या हानि से बचाने के लिए दुआ


बिस्मिल्लाहिर रहमानिरहिम

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✦ बिस्मिल्लहिल्लज़ी ला यदुर्रू मा-असमीही शयउन फील-अर्दी वा ला फिस-समाई , वा हुवा अस समीउल-अलीम
✦ अल्लाह के नाम से शुरू करता हू जिसके नाम की बरकत से ज़मीन और आसमान की कोई चीज़ नुकसान नही पहुंचा सकती और वही सुनने वाला और जानने वाला है

✦ अबान बिन उसमान रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की मैने उसमान रदी अल्लाहू अन्हु से सुना रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अललीही वसल्लम ने फरमाया जिसने (शाम को) 3 मर्तबा ये दुआ पढ़ी उसे सुबह तक कोई नागहानी (अचानक) मुसीबत नही पहुचेगी और जिसने  सुबह को  3 मर्तबा ये दुआ पढ़ी उसको  शाम तक उसको कोई नागहानी (अचानक) मुसीबत नही पहुचेगी
अबान बिन उसमान रदी अल्लाहू अन्हु को फालीज़ यानि लकवा हो गया था तो वो शख्स जिसने उनसे ये हदीस रिवायत की थी वो उन्हे देखने लगा तो अबान रदी अल्लाहु अन्हु ने उनसे फरमाया की तुझे क्या हो गया  है की इस तरह मेरी तरफ देखता है, अल्लाह की कसम मैने ना तो उसमान रदी अल्लाहू अन्हु पर और ना रसूल-अल्लाह सललाल्लाहू अलैही वसल्लम पर झूट बाँधा है लेकिन जिस रोज़ मुझे ये फालीज़ (लकवा) हुआ उस रोज़ मैं गुस्से में था और ये दुआ पढना भूल गया
सुनन अबू दाऊद, जिल्द 3, 1647 -सही


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