बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहिम
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✦ अबू सईद खुदरी रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह ﷺ ने फरमाया जिसने ज़ूमा की रात सुरह कहफ़ पढ़ी उसके और बैतुल्लाह के दरमियाँ नूर की रोशनी हो जाती है ( जुमेरात को मगरिब के बाद से ज़ूमा की रात शुरू हो जाती है)
सही अल-जामेअ , 6471, सुनन अल-दारिमी, 3407-सही
अल बैहिक़ी, शुअब अल-ईमान, 2231-हसन
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