बिस्मिल्लाहिर रहमानिर्रहीम
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रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जो कोई मुसीबत या परेशानी में हो तो उसको ये दुआ पढ़नी चाहिए
اللَّهُمَّ رَحْمَتَكَ أَرْجُو فَلاَ تَكِلْنِي إِلَى نَفْسِي طَرْفَةَ عَيْنٍ وَأَصْلِحْ لِي شَأْنِي كُلَّهُ لاَ إِلَهَ إِلاَّ أَنْتَ
एह अल्लाह मैं तेरी रहमत का उम्मीदवार हूँ , एक लम्हे के लिए भी मुझे मेरे नफ़स के हवाले ना कर और मेरे सब काम बना दे तेरे सिवा कोई भी ईबादत के लायक नही
सुनन अबू दाऊद, जिल्द 3, 1649-सही
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